हैलो दोस्तो
कैसे है आप सब?......में आशा करता हूं कि आप सब ठीक ही होंगे....
आज में आप सब के सामने एक नई विषय पर एक नई पोस्ट ले कर आया हूं .।
आज में आप सब को यूजीसी की न्यूज़ के बारे में बताऊंगा जो उसने ड्यू को जारी किया है ।
आज कल COVID-19 अपने चरम पर है , और जिसके कारण स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के सामने उनकी पढ़ाई को लेकर एक बड़ी समस्या आ गई है । स्कूल तो अब जुलाई में खुलंगे और उनकी पढ़ाई भी जुलाई से शुरू होगी , पर जब बात कॉलेज कि आती है तो उसकी कुछ अलग ही समस्या होती है ।
इस महीने में सभी कॉलेजों में पेपर होते रहते थे पर covid-19 के कारण अब सब बंद है। और सारा काम ऑनलाइन करना पर रहा हैं, और कॉलेजों ने तो अब सारी बची हुई क्लासेज ऑनलाइन शुरू कर दी है ताकि बच्चों का नुक़सान ना हो लॉकडाउन की वजह से।
तो पहले यूजीसी ने कॉलेजों के पेपर के बारे में बताया था अगर आप को उसके बारे में नहीं पता तो कोई बात नहीं मैं नीचे लिंक डाल दूंगा जिस पर क्लिक करके आप मेरी उस पोस्ट को भी पढ़ लेना और आपको पता चल जाएगा पेपर के बारे में को यूजीसी ने कहा था।
अब यूजीसी ने कुछ और चीजों के बारे में भी बताया है और मैं आज आपको यही बताने वाला हूं कि यूजीसी ने कॉलेजों को क्या गाइडलाइन्स जारी की है आपकी पढ़ाई को लेकर ।
गाइडलइन्स जानने के लिए हमारी यह पोस्ट पूरी पढ़े
UGC की गाइडलाइंस के बाद सभी कॉलेजों में वायवा और प्रैक्टिकल टेस्ट ऑनलाइन लेने की तैयारी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा गठित की गई विशेष कमेटी ने देशभर के लगभग सभी कॉलेजों में वायवा टेस्ट ऑनलाइन कराने की सिफारिश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। सिफारिश को अमल में लाते हुए अब दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है।
यूजीसी द्वारा गठित विशेष कमेटी के अध्यक्ष व हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आर सी कुहाड़ ने कहा, “कोरोना संकटकाल के उपरांत भी सामान्य दिनों में पढ़ाई का 25 प्रतिशत हिस्सा ऑनलाइन माध्यमों के जरिए पूरा किया जाएगा।”
विशेष कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “वार्षिक परीक्षा 50 फीसदी अंकों की होनी चाहिए, जबकि अन्य 50 फीसदी अंक पूर्व में आयोजित सेमेस्टर परीक्षा के प्रदर्शन पर आधारित किए जाएं। इसके अलावा अकादमिक सत्र 2020-21 में 40 फीसदी पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से करवाएं जा सकते हैं।”
इसके तहत अब विश्वविद्यालयों में वायवा और प्रैक्टिकल टेस्ट ऑनलाइन करवाने का खाका तैयार किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा को लेकर तैयार किए गए कार्यक्रम में एमफिल और पीएचडी के छात्रों को विशेष राहत प्रदान की है। एमफिल और पीएचडी करने वालों को थीसिस जमा करने के लिए तय आखिरी तारीख से 6 माह और दिए जाएंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से कॉलेजों में परीक्षा का समय घटाने की सिफारिश की गई है। यूजीसी को भेजी गई सिफारिश में कहा गया है कि परीक्षा का समय घटा कर तीन घंटे के स्थान पर दो घंटे का कर देना चाहिए।
मुझे तो यह पोस्ट पढ़ कर ऐसा लग रहा है कि कुछ भी हो जाए ड्यू वाले हमारा पेपर ले कर रहेंगे ।
आपको यह पोस्ट पढ़ कर कैसा लगा हमें बताना ना भूलें मैं आपके कॉमेंट का इंतजार करूंगा।
थैंक यू मेरी यह पोस्ट पढ़ने के लिए .....
घर पर रहे , सुरक्षित रहे और हाथ धोते रहे....
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